<poem>
न आज लुत्फ़<ref>आनंद</ref> कर इतना कि कल गुज़र न सके
वेह वह रात जो कि तेरे गेसुओं<ref>केश, लट</ref> की रात नहीं
यह आरजू<ref>इच्छा, कामना</ref> भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम<ref>मित्र</ref>
विसाले यार<ref>प्रेमिका से मिलन</ref> फकत<ref>केवल</ref> आरजू की बात नहीं