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स्त्री पूजन / माया मृग
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08:15, 20 जुलाई 2011
देह में कामना न रहे
दिमाग में मुक्ति का विचार ना हो
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तुम खुश रहो स्त्री
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यत्र नार्यस्तु पूज्यते
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</Poem>
आशिष पुरोहित
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