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इस उड़ती हुई पहाड़ी तलहटी में ही तो / गुलाब खंडेलवाल
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21:43, 20 जुलाई 2011
एक राजकुमारी रहती थी
अपने लम्बे, घने बालों में कनेर के फूल खोंसे
उसी ने
उसीने
तो मुझे पुकारा था,
और मैं भी तो दिन भर का थका-हारा था,
उसकी पलकों की छाया में
Vibhajhalani
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