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सुप्त सिंह के मस्तक पर चूहे ने चरण चढ़ाया है / गुलाब खंडेलवाल
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22:08, 20 जुलाई 2011
यह धरती है राम-कृष्ण की, भीमार्जुन-से वीरों की
अब भी छाई स्वर्गलोक तक चर्चा जिनके तीरों की
तिब्बत का न पठार,
चांग
चाँग
की फौज न यह शहतीरों की
अरे, हटा ले पाँव, भूमि यह हिमगिरि के प्राचीरों की
Vibhajhalani
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