Changes

<poem>
 धरती धरती में गड़ा बीज चिल्लाया--
'मुझे अँधेरे से प्रकाश में आने दो,
खुली हवा के झोंके खाने दो,
मुझे चाहिये फूल की-सी कोमल काया.'
डाल पर खिला फूल बुद्-बुदायाबुदबुदाया--
'अस्तित्व पीड़ा है, दंशन है,
इसकी आकांक्षा पागलपन है,
2,913
edits