Changes

अब इन्हें गाये तो क्या! कोई नहीं गाये तो क्या!
हर नए मौसम में खिलते हैं नए नये रँग में गुलाबएक दुनिया को नहीं भाये तो क्या, भाये तो कयाक्या!
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