कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता-आहिस्ता
सवाल-ए-वस्ल पर उन को उदू अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता
इधर तो जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटे 'आमीरअमीर' और मैं कहूँ उन से
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आहिस्ता