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कल जो राइज था आज थोड़ी है / आदिल रशीद
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13:18, 1 अगस्त 2011
हर मरज़ का इलाज थोड़ी है
दाद है
ए
ये
हमारी ग़ज़लों की
एक मुट्ठी अनाज थोड़ी है
Aadil Rasheed
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