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झलक भी प्यार की कुछ उसमें मिल गयी होती / गुलाब खंडेलवाल
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20:06, 11 अगस्त 2011
हमारे प्यार की तड़पन भी देख ली होती!
गए तो
छोड़ के
छोड़के
दुनिया की आँधियों में हमें
कभी तो धूल भी आँचल से पोंछ दी होती
Vibhajhalani
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