गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
प्यार की बात न कर, प्यार को बस रहने दे / गुलाब खंडेलवाल
1 byte removed
,
20:10, 11 अगस्त 2011
छीन मत हमसे पुतलियों की थिरकती ख़ुशबू
अपनी लट
खोल के
खोलके
छितरा दे, बहस रहने दे
ज़िन्दगी ऐसे ही मस्ती में गुज़र जाने दे
Vibhajhalani
2,913
edits