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सारी दुनिया पे कहर ढा देना / गुलाब खंडेलवाल
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20:50, 11 अगस्त 2011
ख़ूब था तेरा मुस्कुरा देना
सैकड़ों छेद हैं इसमें
,
मालिक!
अब ये प्याला ही दूसरा देना
Vibhajhalani
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