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साँचा:KKEkMoti
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16:01, 12 अगस्त 2011
आज बसंती चोला तेरा, मैं भी सज लूं, लाल बनूँ :<br>
तू भगिनी बन क्रांति कराली, मैं भाई विकराल बनूँ |<br>
भाई एक लहर बन आया, बहन नदी की धारा है:<br>
संगम है, गंगा उमड़ी है, डूबा कुल किनारा है |<br>
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