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प्यार दिल में है अगर प्यार से दो बात भी हो / गुलाब खंडेलवाल
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17:55, 12 अगस्त 2011
फिर कहाँ होंगी ये रातें, ये शोख़ियाँ दिल की!
क्या कहेंगे हम उन्हें फिर
,
जो मुलाक़ात भी हो!
कौन रखता यहाँ प्यार के वादों का हिसाब!
Vibhajhalani
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