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|रचनाकार=अग्निशेखर
|संग्रह=जवाहर टनल / अग्निशेखर
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<Poem>
परदे के पीछे
कोई कर रहा तय
हमारा होना या न होना
परदे के पीछे
लिखी जा रही धमकियाँ
सजाये जा रहे बम
परदे के पीछे
बे-पर्दा हैं लोग
जानते हैं हम
सभ्यता इसी में
मौन रहें हम</poem>