Changes

फिर मेरा ज़िक्र आ गया होगा <br>
वो बर्फ़-सी वो पिघल रही होगी <br> <br>
कल का सपना बहुत सुहाना था <br>
सोचता हूँ कि बंद कमरे में <br>
एक शमशमअ-सी जल रही होगी <br> <br>
तेरे गहनों सी खनखनाती थी <br>