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16:38, 1 सितम्बर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नवीन सी. चतुर्वेदी
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{{KKCatKavitt}}
<poem>
घनाक्षरी छन्द उदाहरण सहित
आठ आठ तीन बार, और सात एक बार,
इकतीस अक्षरों का योग है घनाक्षरी|
सोलह-पंद्रह पर, यति का विधान मान
शान जो बढाए वो सु-योग है घनाक्षरी|
वर्ण इकतीसवां सदा ही दीर्घ लीजिएगा
काव्य का सुहावना प्रयोग है घनाक्षरी|
लगभग सभी ने ही आदि काल से लिखा है
छंदों में तो जैसे राजभोग है घनाक्षरी||
अक्षरों / वर्णों की गणना :-
आठ आठ तीन बार,
११ ११ ११ ११ = ८
और सात एक बार,
११ ११ ११ ११ = ८
इकतीस अक्षरों का
११११ १११ १ = ८
योग है घनाक्षरी|
११ १ ११११ = ७
सोलह-पंद्रह पर,
१११ १११ ११ = ८
यति का विधान मान
११ १ १११ ११ = ८
शान जो बढाए वो सु-
११ १ १११ १ १ = ८
योग है घनाक्षरी|
११ १ ११११ = ७
वर्ण इकतीसवां स-
११ १११११ १ = ८
-दा ही दीर्घ लीजिएगा
१ १ ११ ११११ = ८
काव्य का सुहावना प्र-
११ १ ११११ १ = ८
योग है घनाक्षरी|
११ १ ११११ = ७
आदि काल से लिखा है
११ ११ १ ११ १ = ८
लगभग सब ने ही
११११ ११ १ १ = ८
छंदों में तो जैसे राज-
११ १ १ ११ ११ = ८
भोग है घनाक्षरी|
आ११ १ न११११ = ७
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