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परछाइयाँ / साहिर लुधियानवी

2 bytes added, 14:14, 17 नवम्बर 2007
&nbspतसव्वुरात nbsp; तसव्वुरात की परछाइयाँ उभरतीं हैं
कभी गुमान की सूरत कभी यकीं की तरह
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