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साल पुराने / रमेश तैलंग
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04:58, 8 सितम्बर 2011
हँसी-हँसी फिर वापस ला।
वैर
बैर
की बातें, झूठ की बातें,
टूट की बातें, फूट की बातें,
अब न हमको याद दिला।
अनिल जनविजय
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