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16:41, 10 सितम्बर 2011 <poem>रथ पर सीया करथि विलाप<br />ससुर दशरथ भानुकुलपति सन, जनक ऋषि सन बाप<br />देवर लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, जगत विदित प्रताप<br />कन्त रघुपति गजत ठाकुर, कर विजयी सरचाप<br />एहन सीया के हरल रावण, प्रबल पुर्वक पाप<br />कत छी रघुवंश भूषण, कतय गेला सरचाप<br />हाय सिंहनि त्रसित थर थर कांप<br />धीर धरु मन थिर करू सीया, रहत किछु दिनु ताप<br />तुलसीदास बिसरी सब छल करहूं हरि हरि जाप
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'''यह गीत श्रीमति रीता मिश्र की डायरी से'''