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आज तो पूनो मचल पड़ी / गुलाब खंडेलवाल
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18:29, 30 अगस्त 2007
आज तो
पुनो
पूनो
मचल पड़ी
अलकों में
मुक्ता हल
मुक्ताहल
भरके
भाल बीच शशि बेंदी भर के
चंदन चर्चित अंग सुहावन
झिलमिल
सुवार्ननचल
स्वर्नांचल
मन भावन
चम्पक वर्ण, कपोल लुभावन
आँखें बड़ी बड़ी
आज तो
पुनो
पूनो
मचल पड़ी
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