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'अना' क़ासमी / परिचय

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से गले मिल रही हैं । इन रिवायतों में नया लबो-लहज़ा इनकी अपनी पहचान बनाने में पूरी तरह कामयाब हो रहा है । इनके कुछ अच्छे शेर सुब्ह की धूप में
मुस्कुराते फूलों की तरह उजले उजले हैं ।
'''डॉ. बशीर बद्र '''