Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा }} {{KKCatKavita}} <Poem> मुझे डर था कह…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
मुझे डर था
कहीं मैं टूट न जाऊँ
तुम्हारे झूठे वादों की तरह
मगर
मुझे क्या ख़बर थी
कि तुम टूटने लगी हो
मेरे सूखे हुए सपनों कि तरह
<Poem>
Mover, Reupload, Uploader
301
edits