{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार='अना' क़ासमी}}<poem>
'''संक्षिप्त परिचय'''
नाम : मौलाना हारून ‘अना’ क़ासमी
से गले मिल रही हैं । इन रिवायतों में नया लबो-लहज़ा इनकी अपनी पहचान बनाने में पूरी तरह कामयाब हो रहा है । इनके कुछ अच्छे शेर सुब्ह की धूप में
मुस्कुराते फूलों की तरह उजले उजले हैं ।
""""'''डॉ. बशीर बद्र'''""""<poem>