Changes

दीवाली पर पिया / ओम निश्चल

4 bytes removed, 02:48, 21 सितम्बर 2011
उभरेंगे ऑंखों में सपनों के इंद्रधनुष,
होठों पर सोनजुही सुबह मुस्कइराएगीमुस्कराएगी,
माथे पर खिंच जाऍंगी भोली सलवटें
अगवारे पिछवारे फसल महमहाएगी
माखन मिसरी बातें शोख मावसी रातें,
अल्ह ड़ अल्हड़ सौगंधों की नेह-सनी सौगातें,
फिर होंगे हरे भरे दिन रंगत नई नई
ताजा होंगी फिर फिर सावनी मुलाकातें
70
edits