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मायूस तो हूं वायदे से तेरे / साहिर लुधियानवी
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08:26, 22 सितम्बर 2011
पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी.
दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है.
</poem>
S.k.sarna
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