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दरख़्त धूप को साये में / गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल'
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18:25, 22 सितम्बर 2011
ऐ दरख़्त तेरी'' उम्रदराज़'' हो 'आकुल'
तेरे दम में मौसिम सदियाँ निकाल देता है
1-पुरबार-फलों से लदा पेड़, 2-मोसिमे ख़िज़ाँ- पतझड़ की ऋतु
3-फ़स्ले बहार- बसंत ऋतु, 4- मक़ाम- स्थान,
Gopal krishna bhatt 'Aakul'
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