हम खास ही हैं टूट जायेगी साँस पर आस न छूटेगी॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
घर बैठ निराश हताश अगर,अपना जीवन खो देगा।
तैरती है लाश सतह पर जो जिन्दा है वह डूबेगा।।
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
जीवन में रुची बढ़ेगी जब स्मृति गुरू पट खोलेगा।
मिल जाये मुर्दा एक बार वह भी उठकर बोलेगा ॥