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आईना / रेशमा हिंगोरानी

46 bytes added, 08:13, 2 अक्टूबर 2011
शम’अ, आईना लिए घूम रहा है कोई,
चलूं, अपना मुझे दीदार हो न जाए कहीं!
 
-रेशमा हिंगोरानी
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