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फ़ुर्सत के पल निकाल कर, मिलता ही कौन है / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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15:23, 2 अक्टूबर 2011
अपनो में अपना दोस्तों, अपना ही कौन है
अरसा गुज़र
गया,
हमे
हमें
ख़ुद से मिले हुए
इक हमख़याल आज-कल, मिलता ही कौन है
Purshottam abbi "azer"
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