841 bytes added,
14:48, 16 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>मत कर गीतां रो मोल भायला
पीड़ रा मोती अमोल भयला
उजास उडीकै हवा बुलावै
बंद पड़ी बारी खोल भयला
हरफ अमूजै होठां में तो सुण
तोड़ मून मीठो बोल भयला
औ प्रीत-धागो बंधै एक बार
गांव-गळी-घर मत डोल भायला
औ आभो देख पछै पंख देख
थारी ताकत तूं तोल भायला</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader