835 bytes added,
15:28, 16 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>हाय आ किण री हाय लागगी
घर में दीवां सूं लाय लागगी
आसीस तो देवणी ई पड़ी
भूख पगां घरां आय लागगी
बां शौकिया छोडी ही गोळी
उड़ती चिड़ी नै जाय लागगी
बात-बात में चाली ही बात
तीर-सी मत्तै ई आय लागगी
बरतो छोड हाथ सोधै चक्कू
आंनै कठै री बाय लागगी</poem>