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09:45, 21 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आखर री औकात / सांवर दइया
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>उतार्यां गाभा
छूंतका ई छूंतका
कांदो गायब
०००
बाग, अंधारो
सोधतो फिरै खुणा
बिकाऊ सांसां
०००
मिनख मारो
मिंदर सामै बैठ
भजन करो
०००
मिनख सोधै
गधो, कोचरी, सांप
डावै-जीवणै
०००
मांय अमूजो
बारै बाजै बळती
गुजारो किंयां ?
०००
</poem>