|चित्र=hawaon ke saz par.jpg
|नाम:हवाओं के साज़ पर
|रचनाकारःअना रचनाकारः'अना' क़ासमी
|प्रकाशन :अयन प्रकाशन, महरौली, नई दिल्ली-110030
|वर्ष: 1999
*[[नाजुक समाअ़तों पे शररबार हो गये / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[करेंगे कोहे अना को भी हम उबूर चलें / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[क़तअ़ात क़तआत/ ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कहनी न पड़े बात मुझे अपनी ज़बाँ से / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[यूं तो अशआर में कुछ और भी ग़म होते हैं / ‘अना’ क़ासमी]]