Changes

वार्ता:कमलेश भट्ट 'कमल'

576 bytes added, 11:18, 24 नवम्बर 2011
'कविता कोश सुकून के .सागर जैसा है .....इसमेँ छिपे काव्य म...' के साथ नया पन्ना बनाया
कविता कोश सुकून के .सागर जैसा है .....इसमेँ छिपे काव्य मोती मन का तमस हरने वाला प्रकाश बिखेरा करते हैँ ...इसमेँ सहेजी गयी कविताएँ.. समस्याओँ के हल सुझाती हैँ,समाज को दर्पण दिखाती हैँ , रास्ता दिखाती हैँ ...अद्भुत कोश ...कविता कोश ।।