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बेकल-2 / नंदकिशोर आचार्य
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कितने मन्वन्तरों से
भटकती
ले कर मुझे पृथ्वी
अपनी गोद में
—काल यह बेकल है
किस के लिए ?
—
20 मार्च 2010
</poem>
अनिल जनविजय
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