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क्लासिक की तरह / अमिता प्रजापति

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हाँ, इसमें कुछ ऎसा है जो
इसे क्लासिक बनाता है
इसकी पंक्तियों में उतरना तो हैइक बारफिर भी क्या हैkya hai yah sab. sab bakwas hai
घर में ही तो है
अभी तो दुनिया देखनी है
</poem>
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