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बौर / रघुवीर सहाय
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|रचनाकार =
रघुवीर सहाय
|संग्रह=सीढ़ियों पर धूप में /
रघुवीर सहाय
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<poem>
नीम में बौर आया
जब मति मन्द होती है
प्राणों ने एक और सुख का परिचय
पाया।
पाया ।
(1954)
</poem>
अनिल जनविजय
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