गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बाँध कर इरादे / रमेश रंजक
3 bytes added
,
06:39, 24 दिसम्बर 2011
मुट्ठी भर बाँध कर इरादे
बाँहों भर तोड़ कर क़सम
गीतों के रेशमी नियम
जैसे
जैसे—
वैसे ही टूट गए हम
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits