[[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]] --[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०९:१२, ९ अप्रैल २००८ (UTC)
== "अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्ति ==
नमस्ते प्रतिष्ठा जी
"अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्तिमें आपका परिवर्तन देखा | पिछला परिवर्तन "कन्धे पर हाथ रखा" से "कन्धे पर रक्खा हाथ" मेरे द्वारा किया गया था जिसे आपने पुनः वैसा ही कर दिया | यह परिवर्तन मैने प्रकाशित संस्करन में से देख कर किया | प्रकाशित संस्करन में शब्दों की sequance इसी प्रकार दी गयी है | अतः अभी उसे पुनः वैसा ही कर रहा हूं | त्रुटि होने पर सूचित करें |
अमित