गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
लफ़्जों की रोशनी / मख़्मूर सईदी
1 byte added
,
19:49, 30 दिसम्बर 2011
<poem>
वो मेरा है, मगर मेरा नहीं है
उफ़क़ पर जगमगाता इक सितारा
ज़मीं को रौशनी तो बाँटता है
Tripurari Kumar Sharma
Mover, Reupload, Uploader
301
edits