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19:50, 30 दिसम्बर 2011 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मख़्मूर सईदी
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<poem>
मेरा नाम सुल्तान मुहम्मद ख़ाँ है
मैं बेटा हूँ
मौलाना अहमद ख़ाँ का
जो पंजवक़्ता नमाज़ी थे
लेकिन मैं फ़ज्र की नमाज़ के वक़्त
सोया हुआ पाया जाता हूँ
ज़ुहर और अस्र की नमाज़ों में
दफ़्तरी मसरुफ़ियत
मेरा पीछा नहीं छोडती
मग़रिब और इशा की नमाज़ें
मुझ पर लानत भेजती हैं
कि ये वक़्त मेरी शराबनोशी का है
इस के बावजूद मुझे
आपने नाम पर भी इस्रार है
और अपनी वलदीयत पर भी
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