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खिड़की / ज्यून तकामी
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13:42, 19 नवम्बर 2023
कमरे में भरा है
सिगरेट का
धुँआ
धुआँ
और बातों का शोर
खिड़की खोल, अरी लड़की!
मेरे दिल की ओर ।
ओ लड़की !
खुली रहने दे खिड़की
बस
,
छोड़ दे ऎसे ही अबदेखने दे मुझे यह
गूंगा
गूँगा
नीला आसमान
बतियाने दे हरे पेड़ों से
ताकने दे नीरव सन्नाटे भरी शाम ।
अनिल जनविजय
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