|संग्रह=पहाड़ पर चढ़ना चाहते हैं सब / ज्यून तकामी
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[[Category:जापानी भाषा]]
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एक दिन मैंने
अपने घर की खिड़की से
जब बगीचे में झाँका ।
ऐसा लगा अचानक
बाँध लिया हो अपनी बाँहों में जैसे
वो हरा वृक्ष बाँका ।
ऎसा लगा अचानक'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' बांध लिया हो अपनी बाहों में जैसे वो हरा वृक्ष बाँका ।</Poem>