704 bytes added,
05:11, 9 जनवरी 2012 "जिसके सम्मुख स्वच्छ शिला पर, धीर वीर निर्भीकमना"
इसमें "निर्भीकमना" गलत है इसको "निर्भीक बना" होना चाहिए |
मुझे ये पंक्तिया कंठस्थ है और इन पंक्तियों से प्रेम भी है इसलिए ये विनम्र सुझाव लिख रहा हूँ|
मुझे ये पन्ना ठीक करने का भी अधिकार नहीं, अन्यथा मैं स्वयं ये भर उठा लेता |