474 bytes added,
16:34, 20 जनवरी 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=काज़िम जरवली
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>इक आन मे खामोश सी हो जाएगी,
हर एक सदा नींद मे सो जाएगी ।
इस दिल का कोई साथ कहाँ तक देगा,
कुछ देर मे ये रात भी सो जाएगी ।। -- काज़िम जरवली
</poem>