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पूछो मत क्या हाल चाल हैं /वीरेन्द्र खरे अकेला
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12:22, 4 फ़रवरी 2012
जो दो पग चल कर निढाल हैं
जस की तस है
जंग
ज़ंग
'अकेला'
हाथों-हाथों रेतमाल हैं
<poem>
Tanvir Qazee
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