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आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
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12:31, 8 फ़रवरी 2012
देखा मुझे तो दाँतों से उसने दबाए लब
तफ़ान
तूफ़ान
मेरे दिल में था उसको भी थी तलाश
आँखों से आँखें चार हुईं मुस्कुराए लब
SATISH SHUKLA
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