गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अतुलनीय जिनके प्रताप का / रामनरेश त्रिपाठी
3 bytes added
,
22:59, 19 फ़रवरी 2012
<poem>
अतुलनीय जिनके प्रताप का,
साक्षी है
प्रतयक्ष
प्रत्यक्ष
दिवाकर।
घूम घूम कर देख चुका है,
जिनकी निर्मल किर्ति निशाकर।
Garuna
9
edits