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फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया/ ग़ालिब
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03:31, 20 फ़रवरी 2012
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<Poem>
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद
<ref>भीगी हुई आँख </ref>
आया
दिल जिगर तश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनोज़
<ref>अभी</ref>
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
द्विजेन्द्र द्विज
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