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नज़र में आजतक मेरी कोई तुझसा नहीं निकला / ओमप्रकाश यती
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06:04, 26 फ़रवरी 2012
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नज़र में आज तक मेरी कोई तुझसा नहीं निकला
तेरे चेहरे के अन्दर दूसरा चेहरा नहीं निकला
Omprakash yati
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